Top Picks : बैंक में भर्ती , सामान्य लिखित परीक्षा (CWE)आने वाले महीनों में आयोजित होनी वाली आईबीपीएस पीओ और लिपिक परीक्षाओं में बहुत सारे उम्मीदरवार शामिल होंगे। इनमें से कुछ के हाथ सफलता लगेगी और कुछ अगले साल होने वाली परीक्षाओं के लिए फिर से तैयारी करेंगे। तो क्या आप जानते हैं कि इन दो श्रेणियों के बीच कौन सी चीज अंतर लाती है? सफल होने वाले उम्मीदवार ऐसा क्या करते हैं जो असफल होने वाले उम्मीदवार नहीं कर सकते? इस आर्टिकल के जरिए हम इन दो अंतरों को समझने की कोशिश करेंगे जिससे कि हर उम्मीदवार इन रणनीतियों के जरिए सफलता हासिल कर सके।
आजकल उम्मीदवारों के लिए यह समझना आसान हो गया है कि एक परीक्षा के लिए किस प्रकार का दृष्टिकोण अपनाना चाहिए। यदि उम्मीदवार अपने किसी ऐसे साथी से सलाह लेता है जो कुछ दिन पहले तक इसी प्रकार की परीक्षा के लिए तैयारी कर रहा था तो वो भी बहुत मायने रखता है। लेकिन बिना कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प के यह संभव नहीं है। इसलिए ऐसी क्या खासियत है कि जो उसने किया और वह सफल हो गया और वह चीज आपमें नहीं है? चलिए यहां उसी के बारे में जानते हैं:
सिलेबस (पाठ्यक्रम) को विस्तार से कवर किया जाना चाहिए: कहते हैं ना कि सफलता का कोई शार्ट-कट नहीं होता है उसी तरह यदि आप सिलेबस के बारे में नहीं जानते हैं तो आप परीक्षा में सफल नहीं हो सकते। इसलिए अधिसूचना जारी होने के बाद सिलेबस का नंबर आता है और इसके साथ विगत वर्षों के प्रश्न पत्र भी मदद करते हैं। इससे आपको पैटर्न की शुरूआती जानकारी मिल जाती है और इसके बाद आप स्वयं को तैयार करते हैं।
सिलेबस (पाठ्यक्रम) को विस्तार से कवर किया जाना चाहिए: कहते हैं ना कि सफलता का कोई शार्ट-कट नहीं होता है उसी तरह यदि आप सिलेबस के बारे में नहीं जानते हैं तो आप परीक्षा में सफल नहीं हो सकते। इसलिए अधिसूचना जारी होने के बाद सिलेबस का नंबर आता है और इसके साथ विगत वर्षों के प्रश्न पत्र भी मदद करते हैं। इससे आपको पैटर्न की शुरूआती जानकारी मिल जाती है और इसके बाद आप स्वयं को तैयार करते हैं।
समय प्रबंधन सबसे महत्वपूर्ण है: यह एक ऐसा पहलू है जो आईबीपीएस परीक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। यह मायने नहीं रखता कि आप कितनी जानकारी रखते हैं बल्कि यह मायने रखता है कि आप एक सीमित समय में इस जानकारी को कैसे अप्लाई करते हैं।
प्रारंभिक परीक्षा के लिए आदर्श रणनीति होनी चाहिए: रीजनिंग (20 मिनट), अंग्रेजी (15 मिनट) और गणित (35 मिनट)। मुख्य परीक्षा के लिए आप तब तक कुछ भी योजना नहीं बना सकते जब तक आईबीपीएस पहले से हर वर्ग के लिए अलग समय निर्धारित ना कर दे।
जितना संभव हो सके उतना अभ्यास करें: यह बहुत महत्वपूर्ण है। आपको यह समझना बहुत जरूरी है कि आप कुछ जानते हैं लेकिन बिना सोचे समझे आप उसे लागू नहीं कर सकते। आपको टॉपिक चुनने में महारत हासिल होनी चाहिए। इसे प्राप्त करने के लिए एकमात्र रास्ता है-अधिक से अधिक अभ्यास करना। आप जितना अभ्यास करेंगे त्रुटि की संभावना उतनी ही कम होती रहेगी और इससे आप परीक्षा में अधिक स्कोर कर सकते हैं।
केवल गणनात्मक अनुमान लगाएं: जी हाँ, यह किसी भी प्रतियोगी परीक्षा का एक बहुत ही महत्वपूर्ण पहलू है। नेगेटिव मार्किंग नाम की भी एक चीज होती है और यदि आप इस बारे में नहीं जानते हैं तो इससे आप प्रभावित हो सकते हैं जिसकी कीमत आपको परीक्षा के दौरान चुकानी पड़ सकती है। यदि आप किसी प्रश्न के बारे में नहीं जानते हैं तो उन्हें ना करें। उन्हीं प्रश्नों के जवाब दें जिसके बारे में आप निश्चित हैं। अटकलबाजी ना लगाएं। अन्यथा आपको बेवजह नंबरों का नुकसान उठाना पड़ेगा।
मॉक टेस्ट जरूरी हैं लेकिन सिर्फ उसके आधार पर अपना आकलन न करें: ऑनलाइन परीक्षाओं की तैयारी के साथ साथ अब परीक्षाएं भी ऑनलाइन हो रही हैं। कई वेबसाइटों और कोचिंग संस्थानों में ऑनलाइन टेस्ट में भाग लेना जरूरी हो गया है। ध्यान देने योग्य बात यह है कि इस प्रकार के टेस्ट का उद्देश्य केवल अभ्यास करना होता है और इस पर ज्यादा भरोसा नहीं करना चाहिए। आप एक टेस्ट में ज्यादा नंबर ला सकते हैं लेकिन परीक्षा में असफल भी हो सकते हैं, क्योंकि आईबीपीएस जानता है कि उम्मीदवारों को कैसे चकमा दिया जाता है। एक खुला दिमाग रखें और आराम से परीक्षा हॉल में जाएं। यदि आपको उसी प्रकार का पैटर्न मिलता है तो यह बहुत अच्छा होगा। लेकिन इससे अलग कुछ हुआ तो आपको तैयार रहना होगा। लचीलापन और अनुकूलन क्षमता, यह दो चीजें इन परीक्षाओं में सफलता के सबसे महत्वपूर्ण पहलू हैं। आपके चाहने वाले टॉपर्स से प्राप्त अनुभव आपके काम आता है।
आईबीपीएस परीक्षा आपकी विद्वता की बजाय आपकी गति और सटीकता का अधिक परीक्षण है। आपमें उस टॉपिक को हल करने की क्षमता होनी चाहिए जो परीक्षा में आया हो और इसके बाद आप जितना ज्यादा अभ्यास करेंगे, उतना ही उस विषय पर आपकी पकड़ मजबूत होती जाएगी और यही आपकी वास्तविक सफलता की कुंजी भी है। आपको समझना चाहिए कि आप परीक्षा पास करने के बाद रिसर्च करने के लिए नहीं जा रहे हैं, बल्कि आप एक बैंक में काम करने जा रहे हैं जहां अनुकूलन क्षमता, लचीलापन, मन की शांति, प्रजेंस ऑफ माइंड और अनंत धैर्य की आवश्यकता होती है। आईबीपीएस परीक्षा एक टेस्ट है जिसे बैंक में नौकरी प्राप्त करने के लिए आपको किसी भी तरह पास करना होगा,यदि आप ये कर सकते हैं तो आप निश्चित रूप से बैंको के अधिकारी होंगे । परीक्षा पास करना और नौकरी प्राप्त करने के गुण अलग-अलग नहीं हैं बल्कि ये एक दूसरे से जुड़े होने के साथ-साथ एक दूसरे पर निर्भर भी हैं।
शुभकामनाएं!!
शुभकामनाएं!!
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