एस पी यादव 18 अक्टूबर 2016 को यूरोलॉजी सोसाइटी ऑफ़ इंडिया के लिए उत्तरी क्षेत्र के नए अध्यक्ष चुने गये. उनका कार्यकाल अक्टूबर 2017 से अगले एक वर्ष के लिए होगा.
यह घोषणा आगरा यूरोलॉजी एसोसिएशन के तीन दिवसीय सम्मेलन में जारी की गयी.
एस पी यादव
• वे एक प्रसिद्ध यूरोलॉजिस्ट हैं.
• उन्होंने अपने पिछले 32 वर्षों के करियर के दौरान विभिन्न शोधों एवं क्लिनिकल कार्यो में विशेष योगदान दिया है.
• वे अपने पूरे कार्यकाल में आधारभूत क्लिनिकल शोध से जुड़े रहे.
• वे गुरुग्राम स्थित पुष्पांजली अस्पताल के प्रबंध निदेशक भी हैं.
• उन्हें प्रोस्टेट सर्जरी में योगदान के कारण 2011 एवं 2016 में लिम्का बुक ऑफ़ रिकॉर्ड्स में शामिल किया गया.
यह घोषणा आगरा यूरोलॉजी एसोसिएशन के तीन दिवसीय सम्मेलन में जारी की गयी.
एस पी यादव
• वे एक प्रसिद्ध यूरोलॉजिस्ट हैं.
• उन्होंने अपने पिछले 32 वर्षों के करियर के दौरान विभिन्न शोधों एवं क्लिनिकल कार्यो में विशेष योगदान दिया है.
• वे अपने पूरे कार्यकाल में आधारभूत क्लिनिकल शोध से जुड़े रहे.
• वे गुरुग्राम स्थित पुष्पांजली अस्पताल के प्रबंध निदेशक भी हैं.
• उन्हें प्रोस्टेट सर्जरी में योगदान के कारण 2011 एवं 2016 में लिम्का बुक ऑफ़ रिकॉर्ड्स में शामिल किया गया.
यूरोलॉजी सोसाइटी ऑफ़ इंडिया
• यूरोलॉजी सोसाइटी ऑफ़ इंडिया (यूएसआई) का गठन बडौदा में दिसम्बर 1961 में किया गया था.
• इसके शुरूआती दौर में नियमों को तैयार करने तथा सदस्यों को शामिल करने के लिए एक अंतरिम समिति कार्य करती थी.
• कुछ समय बाद यूरोलॉजी सेक्शन का नाम बदलकर यूरोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ़ इंडिया कर दिया गया.
• इसका उद्देश्य देश में यूरोलॉजी से सम्बंधित शोध को बढ़ावा देना एवं स्नातकोतर प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए सार्वभौमिक नियम बनाना है.
• इसमें जम्मू एवं कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, चंडीगढ़, हरियाणा, उत्तराखंड एवं उत्तर प्रदेश सहित दिल्ली एवं राजस्थान के क्षेत्र शामिल हैं.
• यूरोलॉजी सोसाइटी ऑफ़ इंडिया (यूएसआई) का गठन बडौदा में दिसम्बर 1961 में किया गया था.
• इसके शुरूआती दौर में नियमों को तैयार करने तथा सदस्यों को शामिल करने के लिए एक अंतरिम समिति कार्य करती थी.
• कुछ समय बाद यूरोलॉजी सेक्शन का नाम बदलकर यूरोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ़ इंडिया कर दिया गया.
• इसका उद्देश्य देश में यूरोलॉजी से सम्बंधित शोध को बढ़ावा देना एवं स्नातकोतर प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए सार्वभौमिक नियम बनाना है.
• इसमें जम्मू एवं कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, चंडीगढ़, हरियाणा, उत्तराखंड एवं उत्तर प्रदेश सहित दिल्ली एवं राजस्थान के क्षेत्र शामिल हैं.
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