नागरिक उडडयन नीति के तहत सरकार ने उड़ान योजना का शुभारम्भ किया. सरकार की योजना उड़े देश का आम नागरिक नाम से क्षेत्रीय विमान संपर्क योजना शुरू करने की है. योजना का उद्देश्य छोटे शहरों को विमान सेवा से जोड़ना है. यह योजना 10 वर्षों के लिए होगी.
नई दिल्ली में योजना की शुरूआत नागरिक उडडयन मंत्री अशोक गजपति राजू ने की. नागरिक उडडयन मंत्री के अनुसार जनवरी तक योजना को लागू कर दिया जाएगा.
यह विश्व की अपने किस्म की पहली योजना है जो क्षेत्रीय हवाई मार्गों पर किफायती और आर्थिक रूप से व्यावहारिक उड़ाने प्रस्तुत करेंगी. प्रमुख मार्गों पर हवाई यात्रा करने वाले यात्रियों को क्षेत्रीय संपर्क योजना के वित्त पोषण के लिये अधिक भुगतान करना होगाउड़ान क्षेत्रीय उड्डयन बाजार विकसित करने के लिए एक नवाचारी योजना है.इस सेवा के अंतर्गत किराया कम होगा ताकि विमान सेवा से वंचित क्षेत्रों तक भी पहुंचा जा सके.योजना के तहत ऐसी उड़ानों में 50 प्रतिशत सीटों के लिये किराया सीमा 2,500 रपये होगा और शेष के मामले में यह बाजार आधारित कीमत व्यवस्था पर आधारित होगायह बाजार आधारित व्यवस्था है जिसमें एयरलाइन्स सीटों की सब्सिडी के लिए बोली लगाएंगी.व्यापार बढेगा और वाणिज्य तथा पर्यटन का विकास होगा.सेवा प्रदाता एयरलाइंसों को नए मार्ग और अधिक यात्री मिलेंगे.उड़ान योजना में सेवा रहित और क्षमता से कम सेवा वाले देश के हवाई अड्डों को वर्तमान हवाई पट्टियों तथा हवाई अड्डों का पुनर्रोद्धार कर कनेक्टविटी प्रदान करना है.विमान सेवा में चयनित एयरलाइन ऑपरेटर को न्यूनतम 9 और अधिकतम 40 उडान सीटें सब्सिडी दरों पर देनी होंगी और हैलीकॉप्टर के लिए न्यूनतम 5 और अधिकतम 13 सीटें सब्सिडी दर पर देनी होंगी.ऐसे प्रत्येक मार्ग पर विमान सेवा की गति प्रतिसप्ताह न्यूनतम 3 और अधिकतम 7 प्रस्थान सेवा होगी.विमान से 500 किलोमीटर की एक घंटे की यात्रा तथा हैलीकॉप्टर से 30 मिनट की यात्रा के लिए किराये की सीमा 2,500 रूपये होगी.भागीदार राज्य सरकारें (इनमें पूर्वोत्तर राज्य और केंद्र शासित प्रदेश शामिल नहीं हैं जिनका योगदान 10 प्रतिशत होगा) इस कोष के लिए 20 प्रतिशत हिस्से का योगदान देंगी. संतुलित क्षेत्रीय विकास के लिए इस योजना के तहत आवंटन देश के पांच भौगोलिक क्षेत्रों में समान रूप किया जाएगा। वे क्षेत्र हैं- उत्तर, पश्चिम, दक्षिण, पूर्व और उत्तर-पूर्व.
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