भारत और चीन के सेनाओं ने 19 अक्टूबर 2016 को दूसरे संयुक्त सैन्य अभ्यास में भाग लिया. यह संयुक्त अभ्यास लद्दाख के पूर्वी क्षेत्र में आयोजित किया गया. इस वर्ष के सैन्य अभ्यास को ‘चीन-भारत सहयोग-2016’ शीर्षक दिया गया.
इसका आयोजन सीमा रक्षा सहयोग समझौता-2013 के तहत भारत और चीन के मध्य संपर्क और सहयोग बढ़ाने की पहल के एक हिस्से के रूप में किया गया. यह मोल्डो गैरीसन के चीनी सैनिकों के साथ पूर्वी लद्दाख के चुशूल गैरीसन में आयोजित किया गया. इससे पूर्व फरवरी 2016 में दोनों देशों की सेनाओं के मध्य संयुक्त सैन्य अभ्यास आयोजित किया गया था.
इसका आयोजन सीमा रक्षा सहयोग समझौता-2013 के तहत भारत और चीन के मध्य संपर्क और सहयोग बढ़ाने की पहल के एक हिस्से के रूप में किया गया. यह मोल्डो गैरीसन के चीनी सैनिकों के साथ पूर्वी लद्दाख के चुशूल गैरीसन में आयोजित किया गया. इससे पूर्व फरवरी 2016 में दोनों देशों की सेनाओं के मध्य संयुक्त सैन्य अभ्यास आयोजित किया गया था.
सैन्य अभ्यास के मुख्य बिंदु
• मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) के बारे में दिन भर चले अभ्यास के दौरान एक भारतीय सीमावर्ती गांव में भूकंप आने की स्थिति की कल्पना की गई.
• संयुक्त टीमों ने बचाव कार्य, निकासी और चिकित्सा सहायता प्रदान करने के कार्य किए.
• भारतीय दुर्गम क्षेत्र में अभ्यास करने से इस क्षेत्र में आने वाली बाधाओं और परेशानियों को समझा गया तथा उनसे निपटने के लिए उपायों पर विचार किया गया.
• भारतीय टीम का नेतृत्व ब्रिगेडियर आर. एस. रमन ने किया और चीनी टीम का नेतृत्व सीनियर कर्नल फैन जुन ने किया.
इस सैन्य अभ्यास ने न केवल प्राकृतिक आपदा के समय सीमा पर रहने वाले लोगों को राहत पहुंचाने के लिए किए गए कार्य को परिष्कृत किया अपितु पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के साथ दोनो देशों की सीमा की रखवाली करने वाले बलों के मध्य सहयोग और विश्वास के स्तर को भी बढ़ाया. भारत और चीन के मध्य संयुक्त अभ्यास की इस श्रृंखला का उद्देश्य भारत और चीन के सीमावर्ती क्षेत्रों में दोनों देशों द्वारा सहयोग बढ़ाने, शांति और सौहार्द बनाए रखने का प्रयास करना है.
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