भारतीय वायुसेना द्वारा अक्टूबर 2016 में देश के 21 राष्ट्रीय राजमार्गो का चयन किया गया है ताकि किसी आपातकालीन स्थिति में उन्हें लड़ाकू विमानों द्वारा बतौर रनवे उपयोग किया जा सके.
इस उद्देश्य की पूर्ति हेतु राष्ट्रीय राजमार्ग एवं रक्षा मंत्रालय मिलकर काम कर रहे हैं. गौरतलब है कि वर्ष 2015 में मिराज-2000 को यमुना एक्सप्रेस-वे पर प्रयोग के तौर पर लैंड किया गया था.
इन राजमार्गों का नाम अभी गोपनीय रखा गया है लेकिन इन्हें चार राज्यों उत्तर प्रदेश, राजस्थान, अरुणाचल प्रदेश और मेघालय में हाइवे ओर रनवे के रूप में विकसित किया जायेगा.
इस उद्देश्य की पूर्ति हेतु राष्ट्रीय राजमार्ग एवं रक्षा मंत्रालय मिलकर काम कर रहे हैं. गौरतलब है कि वर्ष 2015 में मिराज-2000 को यमुना एक्सप्रेस-वे पर प्रयोग के तौर पर लैंड किया गया था.
इन राजमार्गों का नाम अभी गोपनीय रखा गया है लेकिन इन्हें चार राज्यों उत्तर प्रदेश, राजस्थान, अरुणाचल प्रदेश और मेघालय में हाइवे ओर रनवे के रूप में विकसित किया जायेगा.
हाइवे-रनवे की उपयोगिता
• देश में युद्ध की स्थिति में हाइवे अथवा राष्ट्रीय राजमार्गों को रनवे के रूप में प्रयोग करने की आवश्यकता पड़ सकती है इसलिए इस विषय पर शोध किया जा रहा है.
• प्राकृतिक आपदा के कारण यदि हवाई अड्डों को नुकसान होता है तो हाइवे पर मौजूद रनवे सहायता कर सकते हैं.
• भारतीय वायुसेना की ताकत इससे कई गुना बढ़ जाएगी क्योंकि दुश्मन सेना के लड़ाकू विमानों को किसी भी स्थान से निशाना बनाया जा सकेगा.
• लड़ाकू विमानों की क्षमता में भी बढ़ोतरी होगी.
• इस संदर्भ में भारतीय वायुसेना के हेलिकॉप्टर को भी हाइवे पर सफलतापूर्वक उतार कर देखा जा चुका है.
• देश में युद्ध की स्थिति में हाइवे अथवा राष्ट्रीय राजमार्गों को रनवे के रूप में प्रयोग करने की आवश्यकता पड़ सकती है इसलिए इस विषय पर शोध किया जा रहा है.
• प्राकृतिक आपदा के कारण यदि हवाई अड्डों को नुकसान होता है तो हाइवे पर मौजूद रनवे सहायता कर सकते हैं.
• भारतीय वायुसेना की ताकत इससे कई गुना बढ़ जाएगी क्योंकि दुश्मन सेना के लड़ाकू विमानों को किसी भी स्थान से निशाना बनाया जा सकेगा.
• लड़ाकू विमानों की क्षमता में भी बढ़ोतरी होगी.
• इस संदर्भ में भारतीय वायुसेना के हेलिकॉप्टर को भी हाइवे पर सफलतापूर्वक उतार कर देखा जा चुका है.
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