डिजिटल इंडिया कार्यक्रम’ भारत सरकार का फ़्लैगशिप कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य भारत को डिजिटल रूप से सशक्त समाज व ज्ञान अर्थव्यवस्था में बदलना है| ‘डिजिटल इंडिया कार्यक्रम’ की शुरुआत 1 जुलाई,2015 को प्रधानमंत्री द्वारा की गयी थी| इस कार्यक्रम के तहत ग्रामीण क्षेत्रों को हाई स्पीड इंटरनेट नेटवर्क से जोड़ने की योजना है| ‘डिजिटल इंडिया कार्यक्रम’ के निम्नलिखित तीन मुख्य घटक हैं-
I. डिजिटल अवसंरचना का निर्माण करना
II. सेवाओं को डिजिटल रूप में प्रदान करना
III. डिजिटल साक्षरता में वृद्धि करना
‘डिजिटल इंडिया कार्यक्रम’ क्या है?
‘डिजिटल इंडिया कार्यक्रम’ भारत सरकार का एक अभियान है, जो यह सुनिश्चित करता है कि भारत सरकार के सभी कार्य ऑनलाइन किए जाए ताकि नागरिकों को जरूरी सरकारी सेवाएँ व जानकारी आसानी से प्राप्त हो सके और कागजी कार्यवाही व सरकारी कामकाज में लालफ़ीताशाही को कम किया जा सके |
‘डिजिटल इंडिया कार्यक्रम’ का दृष्टिकोण क्या है?
‘डिजिटल इंडिया कार्यक्रम’ का दृष्टिकोण भारत को डिजिटल रूप से सशक्त समाज व ज्ञान अर्थव्यवस्था में बदलना है|
‘डिजिटल इंडिया कार्यक्रम’ की निगरानी कौन करेगा?
‘डिजिटल इंडिया कार्यक्रम’ की निगरानी ‘डिजिटल इंडिया सलाहकार समूह’ द्वारा की जाती है, जिसका अध्यक्ष संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री होता है|
‘डिजिटल इंडिया कार्यक्रम’ के क्षेत्र (Vision Areas)
‘डिजिटल इंडिया कार्यक्रम’ मुख्य रूप से निम्नलिखित तीन क्षेत्रों पर ध्यान देता है:
A. सभी नागरिकों हेतु डिजिटल अवसंरचना का विकास करना
I. सेवाओं की प्राप्ति हेतु हाई स्पीड इंटरनेट नेटवर्क तक नागरिकों की पहुँच सुनिश्चित करना
II. प्रत्येक नागरिक को एक विशिष्ट डिजिटल पहचान प्रदान करना
III. मोबाइल बैंकिंग आदि को बढ़ावा देकर डिजिटल व वित्तीय स्पेस में नागरिकों की भागीदारी बढ़ाना
IV. सामान्य सेवा केन्द्रों (Common Service Centre) तक सुगम पहुँच सुनिश्चित करना
V. सुरक्षित व कुशल साइबर स्पेस को स्थापित करना
B. शासन व माँग आधारित सेवाएँ
I. विभिन्न विभागों से संबन्धित सेवाओं को समन्वित रूप से एक ही प्लेटफॉर्म से प्रदान करना
II. ऑनलाइन व मोबाइल प्लेटफॉर्म के द्वारा सेवाओं की त्वरित व ‘रियल टाइम’ में डिलीवरी
III. व्यापार को सरल और बेहतर बनाने के लिए डिजिटल सेवाओं का प्रयोग करना
IV. वित्तीय लेन-देन को कैशलेस व इलेक्ट्रोनिक बनाना
C. नागरिकों को डिजिटल रूप से सशक्त करना
I. सार्वभौमिक डिजिटल साक्षरता
II. सार्वभौमिक पहुँच युक्त डिजिटल संसाधन
III. भारतीय भाषाओं में डिजिटल संसाधनों व सेवाओं की उपलब्धता
IV. भागीदारीपूर्ण शासन के लिए सहयोगात्मक डिजिटल प्लेटफॉर्म
V. नागरिकों द्वारा सरकारी दस्तावेजों/प्रमाणपत्रों को भौतिक रूप (Hard Copy) में जमा करने से मुक्ति
‘डिजिटल इंडिया कार्यक्रम’ के लाभ क्या हैं?
भारत सरकार देश को ‘डिजिटल इंडिया कार्यक्रम’ के माध्यम से डिजिटल रूप से सशक्त समाज व ज्ञान अर्थव्यवस्था में बदलने के लिए बड़ा कदम उठा रही है| इसके निम्नलिखित लाभ प्राप्त होंगे:
I. भ्रष्टाचार को कम करने में सहायक होगा
II. सरकारी सेवाओं की गुणवत्तापूर्ण व त्वरित डिलीवरी को सुनिश्चित करेगा
III. कागज का कम प्रयोग होगा जो अंततः पर्यावरणीय दृष्टि से महत्वपूर्ण साबित होगा
IV. शासन में पारदर्शिता आएगी
V. नागरिकों की शासन में भागीदारी सुनिश्चित हो सकेगी
इस कार्यक्रम द्वारा डिजिटल लॉकर, ई-शिक्षा, ई-स्वास्थ्य, ई-हस्ताक्षर, राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल जैसी सुविधाएं भी प्रदान की जाएंगी|
‘डिजिटल इंडिया कार्यक्रम’ की प्रबंधकीय संरचना किस तरह की है?
‘डिजिटल इंडिया कार्यक्रम’ की प्रबंधकीय संरचना निम्न तरह की है:
‘डिजिटल इंडिया कार्यक्रम’ को कैसे बेहतर तरीके से कार्यान्वित किया जा सकता है?
‘डिजिटल इंडिया कार्यक्रम’ एक ऐसा कार्यक्रम है, जिसमे कई सरकारी मंत्रालय व विभाग शामिल हैं | अतः इस कार्यक्रम को इलेक्ट्रोनिक व सूचना तकनीक विभाग (DeitY) द्वारा अन्य इकाईयों व मंत्रालयों के समन्वय के साथ ही सफलतापूर्वक लागू किया जा सकेगा | वास्तव में यह एक कार्यक्रम नहीं बल्कि अनेक तरह के विचारों व संकल्पनाओं के मिश्रण से बना एक दृष्टिकोण है, जिसे कार्यान्वित कर पारदर्शी ,भ्रष्टाचार मुक्त व कुशल शासन के लक्ष्य की प्राप्ति की जा सकती है|
‘डिजिटल इंडिया कार्यक्रम’ के निम्नलिखित नौ स्तम्भ हैं:
I. ब्रॉडबैंड हाइवे
II. मोबाइल कनेक्टिविटी तक सार्वभौमिक पहुँच Connectivity
III. जन तक इन्टरनेट पहुँच कार्यक्रम
III. जन तक इन्टरनेट पहुँच कार्यक्रम
IV. ई-शासन-तकनीक के द्वारा शासन में सुधार
V. ई-क्रांति- सेवाओं की इलेक्ट्रोनिक डिलीवरी
VI. सूचना तक सभी की पहुँच
VII. इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण
VIII. रोजगार हेतु सूचना तकनीक
IX. जल्द परिणाम देने वाले कार्यक्रम (Early Harvest Programmes)
वर्ष 2019 तक ‘डिजिटल भारत कार्यक्रम’ से क्या परिणाम प्राप्त हो सकेंगें?
I. 2.5 लाख गाँवों में ब्रॉडबैंड सुविधा, दूरसंचार कनेक्टिविटी
II. इन्टरनेट तक पहुँच के लिए 400,000 पब्लिक इन्टरनेट पहुँच बिन्दु (Point)
III. सभी विश्वविद्यालयों व 2.5 लाख स्कूलों में वाई-फ़ाई सुविधा, नागरिकों के लिए पब्लिक वाई-फ़ाई हॉटस्पॉट्स
IV. डिजिटल समावेशन:1.7 करोड़ लोगों को सूचना-तकनीक, टेलीकॉम वे इलेक्ट्रोनिक क्षेत्र में रोजगार हेतु प्रशिक्षण
V. रोजगार जनन (प्रत्यक्ष रूप से 1.7 करोड़ व अप्रत्यक्ष रूप से 8.5 करोड़ रोजगार जनन)
VI. ई-शासन व ई-सेवाओं की स्थापना
VII. स्वास्थ्य,शिक्षा व बैंकिंग सेवाओं में सूचना प्रौद्योगिकी का प्रयोग
VIII. डिजिटल रूप से सशक्त नागरिक-पब्लिक क्लाउड, इंटरनेट पहुँच
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