केंद्र सरकार ने SSC एग्जाम में बदलाव की सिफारिशों को मान लिया है। अगले साल से आयोजित होने वाली ग्रेड सी और ग्रेड डी की परीक्षा पैटर्न में पूरी तरह बदलाव को लागू कर दिया जाएगा।
इस परीक्षा का आयोजन एसएसएसी (स्टाफ सिलेक्शन कमिशन) करती है। एसएसएसी मूलत: ग्रेड सी और ग्रेड डी नौकरियों के लिए परीक्षा आयोजित करती है। हर साल वह 7 से 8 परीक्षाएं आयोजित करती है, जिसमें एक करोड़ से ज्यादा प्रतिभागी शामिल होते हैं। सत्ता में आने के बाद मोदी सरकार ने यूपीएससी के पूर्व चेयरमैन आईएचए खान के नेतृत्व में एक कमिटी बनाई थी, जिसे परीक्षा में बदलाव के लिए उपाय बताने थे।
लंबित प्रस्तावों को मिली मंजूरी
सूत्रों के मुताबिक, केंद्र ने पिछले एक साल से लंबित प्रस्ताव को लागू करने की मंजूरी दी है। हालांकि, सरकार सिविल सर्विस परीक्षा में सुधार के प्रस्ताव के मामले में पीछे हट गई थी। परीक्षा बदलाव के लिए बनाई गई खान कमिटी ने 10 महीने पहले सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी। इस रिपोर्ट के आधार पर डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनेल ऐंड ट्रेनिंग ने आम लोगों से अपनी राय मांगी थी। लेकिन बाद में इस दिशा में कोई पहल नहीं हुई।
ये हैं अहम बदलाव
सरकार जिन बदलावों को लागू कर रही है, उनमें अहम है कि साल के शुरू में एक ही साथ एग्जाम कैलेंडर की घोषणा होगी, जिससे अभ्यर्थियों को इसकी जानकारी वक्त रहते मिल सकेगी। साथ ही जो अभ्यर्थी इन एग्जाम्स में हिस्सा लेना चाहते हैं, वह एक ही बार ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के साथ एक बार ही परीक्षा फीस और आवेदन भी दे सकते हैं। ऑनलाइन एग्जाम के विकल्प को भी मान लिया गया है। दूसरे प्रस्ताव जो माने गए हैं, उसके अनुसार परीक्षा में पूछे जाने वाले सवालों के पैटर्न बदल कर उसे अधिक तार्किक और प्रासंगिक बनाए जाएंगे और निगेटिव मार्किंग अनिवार्य रूप से लागू होगा। साथ ही परीक्षा में धांधली से बचने के लिए इसे आधार से जोड़ा जाएगा।
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