आईबीपीएस ने हाल ही में देश के विभिन्न क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों में बड़े पैमाने I,II और III स्केल में कार्यालय सहायक और अधिकारी के पदों के लिए विज्ञापन निकाला है। कार्यालय सहायकों के लिए भर्ती प्रक्रिया दो चरणों में आयोजित की जाएगी, जिनमें प्रारंभिक परीक्षा और मुख्य परीक्षा शामिल है। वहीं क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों में अधिकारी बनने के लिए आपको मुख्य परीक्षा और प्रारम्भिक परीक्षा में अहर्ता हासिल करने के साथ-साथ साक्षात्कार की प्रक्रिया से गुजरना होगा। इसी साल से आईबीपीएस ने विभिन्न पैमानों में कार्यालय सहायकों के साथ-साथ अधिकारियों की भर्ती प्रक्रिया में कुछ बदलाव किए हैं।
आईबीपीएस आरआरबी का नया पैटर्न: क्या आप नयी चुनौती के लिए तैयार हैं?
आईबीपीएस ने देश में विभिन्न क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों में कार्यालय सहायकों और अधिकारियों की भर्ती की प्रक्रिया में बदलाव किया है। इस प्रक्रिया को देश में आजकल आयोजित होने वाली अन्य बैंकिंग भर्ती परीक्षा के मुकाबले और अधिक कठिन किया गया है।
प्रारंभिक परीक्षा की शुरूआत: यह पहली बार है जब आईबीपीएस ने क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों में भर्ती प्रक्रिया के लिए प्रारंभिक परीक्षा की शुरूआत की है। कार्यालय सहायकों और अधिकारी दोनों ही पदों के लिए इस परीक्षा को दो चरणों प्रारम्भिक और मुख्य परीक्षा में विभाजित किया गया है l
कार्यालय सहायकों के लिए कोई साक्षात्कार नहीं होगा: नयी प्रक्रिया के तहत कार्यालय सहायक पद के लिए इन बैंकों में अब कोई साक्षात्कार नहीं होगा l आपका चयन पूरी तरह से मुख्य परीक्षा में आपके प्रदर्शन के आधार पर होगा और केवल इसी के आधार पर ही आवंटन किया जाएगा।
प्रारम्भिक परीक्षा में केवल तार्किक (रीजनिंग) और गणित होगी: जी हाँ, दोनों पदों की दोनों श्रेणियों की प्रारम्भिक परीक्षा के लिए कोई अंग्रेजी भाषा से सम्बन्धित सेक्शन या प्रश्न पत्र नहीं होगा । प्रारम्भिक परीक्षा में आपको केवल रीजनिंग और न्यूमेरिकल क्षमता वाले प्रश्नों का उत्तर देना होगा और सबसे बड़ी बात यह है कि इस परीक्षा के नंबर फाइनल मेरिट में नहीं जुडेंगे, इसका उद्देश्य केवल योग्य अभ्यर्थियों का चयन करना है l
प्रारंभिक परीक्षा के लिए पूरी तरह से नया पैटर्न: प्रारंभिक परीक्षा में गणित और रीजनिंग को मिलाकर कुल 80 सवाल होंगे और यह प्रश्न पत्र आपको 45 मिनट के भीतर करना होगा। यह परीक्षा दे रहे अन्य सभी बैंकिग उम्मीदवारों के लिए अन्य प्रारंभिक परीक्षाओं के मुकाबले बिलकुल नया है। इससे पहले प्रारम्भिक परीक्षा आम तौर पर 100 अंकों की होती थी जिसकी समयावधि 1 घंटे की होती थी ।
समय प्रबंधन आपके लिए सबसे महत्वपूर्ण कुंजी है: आपको आईबीपीएस पीओ और भारतीय स्टेट बैंक पीओ की सेक्शनल टाइमिंग कॉन्सेप्ट घोषित होने से पहले ही इसके बारे में ध्यान रखना चाहिए। यह आपको आपकी योजना और सुविधा के अनुसार प्लान बनाने में मदद करता है।
रीजनिंग और क्वांट का सर्वाधिक महत्व है: मुख्य परीक्षा में गणित और रीजनिंग वर्गों में आपकों 100 अंक वाले सवालों का सामना करना होता है, जबकि अंग्रेजी, कम्यूटर और जनरल अवेयरनेस जैसे बाकि अन्य विषयों के लिए 100 अंक रखे गए हैं। एक बार फिर यहां आपकी सफलता की कुंजी गणित और रीजनिंग में आपकी महारत होना है। इसलिए यह जरूरी है कि यदि आप इन दो विषयों में कमजोर हैं तो अपनी पकड़ को इनमें और मजबूत बनाएं।
अधिक से अधिक अभ्यास करें: जी हाँ, यह भी अन्य चीजों की तरह जरुरी है। यदि आपको सफल होना है तो इसके लिए आपको नए पैटर्न के साथ कम्फर्टेबल होना पड़ेगा । इसके लिए महत्वपूर्ण है कि आप परीक्षा में जाने से पहले ज्यादा से ज्यादा अभ्यास करें और नए पैटर्न के आदी हो जाएं। अधिक से अधिक अभ्यास आपको परीक्षा हॉल में अतिरिक्त आत्मविश्वास के साथ सवालों को हल करने में सहायक होगा ।
आईबीपीएस क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक में नौकरियों की कमी है क्यों ये सही तरीके से विकसित नहीं हो पाए हैं। जब से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में नौकरी के अवसर मिलने लगे हैं तब से इन बैंकों का विकास और भी सही तरीके से नहीं हो पाया है, खासकर समाज के एक विकास तबके के लिए। क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों में काम करने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यदि आप अपने राज्य के बैंकों के लिए अप्लाई करते हैं तो आपको निश्चित रूप से अपने गृहनगर में पोस्टिंग मिल सकती है। यहां तक कि किसी राज्य अथवा देश के किसी राष्ट्रीय बैंक लिए आपके ट्रांसफर के भी कोई चांस नहीं होते। इसके अलावा आप एक बार इस नौकरी को पा लेते हैं तो आपके पास इतना समय होता है कि आप अपने किसी और बड़े सपने को पूरा करने या किसी और बड़ी परीक्षा की तैयारी के लिए अध्ययन का समय निकाल सकते हैं। यही वो कारक हैं जिस कारण अधिकतर उम्मीदवारों को इस जॉब की तलाश रहती है।
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