पुरस्कार की घोषणा के दौरान कहा गया कि इन दोनों अर्थशास्त्रियों के काम ने दिवालिया से संबंधित विधायक और राजनीतिक संविधानों के क्षेत्र की नीतियों को एक 'बौद्धिक नीव' प्रदान करने का काम किया है. साथ ही कहा गया कि इन दोनों का काम असल अनुबंध और संस्थाओं की गहराई को समझने में कारगर साबित होता है. यही नहीं इनका काम अनुबंध के ढांचे में व्याप्त कमज़ोरियों को भी दिखाता है.
इन दोनों ने कुछ ऐसे टूल तैयार किए है जिससे यह पता चल सके कि क्या सार्वजनिक सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों को बंधी पगार दी जाए या फिर उन्हें अपने प्रदर्शन के हिसाब से रकम अदा की जाए. साथ ही सार्वजनिक सेवाओं को सरकार के हाथ में बेहतर हैं या उन्हें निजी हाथों में सौंप देना चाहिए.
बता दें कि इससे पहले चिकित्सा, केमिस्ट्री, फिज़िक्स और शांति के लिए 2016 नोबेल पुरस्कार की घोषणा की जा चुकी है.
इस साल जापान के योशिनोरी ओसुमी को 'ऑटोफैगी' चिकित्सा में रिसर्च के लिए, डेविड थोलुज, डेंकन हेल्डन और कोस्टरलिट्ज को फिजिक्स में, सूक्ष्म आणविक मशीनों के लिए फ्रांस के ज्यां-पियरे सोवेज, ब्रिटेन के जे फ्रैसर स्टाडर्ट और नीदरलैंड के बर्नार्ड फेरिंगा को रसायन विज्ञान का नोबेल पुरस्कार दिया गया है. इसके अलावा कोलंबिया के राष्ट्रपति ख़्वान मानवेल सांतोस को शांति के लिए नोबेल पुरस्कार दिया गया.


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