चीन के लेखक मो यान का वर्ष 2012 हेतु साहित्य के नोबेल पुरस्कार के लिए चयन किया गया. लोक कथाओं, इतिहास और समकालीन जीवन के साथ काल्पनिक, वास्तविक और सामाजिक दृष्टिकोण के सम्मिलन हेतु उनकी अनोखी शैली के लिए उन्हें यह प्रतिष्ठित पुरस्कार प्रदान किया जाएगा.
मो यान को नोबेल पुरस्कार 10 दिसंबर 2016 को प्रदान किया जाएगा. पुरस्कार स्वरोप उन्हें मेडल और इनामी राशि 12 लाख डॉलर (छह करोड़ 33 लाख रुपये) प्रदान किए जाएंगे.
हाल के वर्षो में साहित्य का नोबेल पुरस्कार यूरोपीय लेखकों के नाम रहा है.
मो यान के बारे में-
हाल के वर्षो में साहित्य का नोबेल पुरस्कार यूरोपीय लेखकों के नाम रहा है.
मो यान के बारे में-
- 57 वर्षीय मो यान का वास्तविक नाम गुआन मोये है.
- पश्चिमी देशों में वह 'रेड सोरघम' (होंग गाओलियांग जियाझू) से विख्यात हुए.
- 1987 में प्रकाशित इस उपन्यास में कम्युनिस्ट शासन के शुरुआती वर्षो में किसान के कठोर जीवन को चित्रित किया गया है.
- चीन के शेनडोंग प्रांत में किसान परिवार में जन्मे मो का साहित्य मुख्य रूप से चीन से जुड़ा हुआ है.
- पुरस्कार की घोषणा करने वाली संस्था स्वीडिश अकादमी के अनुसार उनके लेखन का तरीका भिन्न है.
- मो यान की कृतियों पर उनकी झलक स्पष्ट दिखाई देती है.
- उनकी चर्चित पुस्तकों में 'तिआनतांग सुआनताई झी गी', 'जिओगुओ', 'टोउमिंग डी होंग लुओबो' आदि हैं.
- मो यान नोबेल पुरस्कार पाने वाले चीन के पहले नागरिक हैं.
- उनसे पहले फ्रांस निवासी चीनी मूल के गाओ शिंगजियान को यह सम्मान प्रदान किया जा चुका है.
- गत वर्ष शांति का नोबेल चीन की कैद में रहे नेता लिउ जियाबाओ को मिलने के बाद चीन ने नॉर्वे का बहिष्कार कर दिया था.
- चीन सरकार का कहना था कि उन्हें चीनी विद्रोह के कारण जेल में डाला गया था और ऐसे व्यक्ति को नोबेल से सम्मानित करना सही नहीं था.
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