केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 07 नवम्बर 2016 'प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान' शुरू किया है. यूनिसेफ के सहयोग से संचालित प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए) के तहत गर्भवती महिलाओं को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करवाने हेतु निजी चिकित्सकों को भी अभियान में शामिल किया गया है.
भारत में गर्भावस्था से संबंधित स्वास्थ्य मुद्दों के कारण प्रत्येक 12 मिनट में एक महिला की मौत हो जाती है. इसके तहत हर माह की नौ तारीख को डॉक्टर की टीम घर-घर जाकर गर्भवती महिलाओं की निशुल्क जांच करेगी.
सुरक्षित मातृत्व अभियान के बारे में-
सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत देश भर में निजी प्रैक्टिस कर रहे या निजी अस्पताल में काम कर रहे चिकित्सक महीने की नौ तारीख को स्वेच्छा से अपनी मुफ्त सेवा सरकारी अस्पताल को दे सकेंगे.इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) और स्त्री रोग विशेषज्ञों के सबसे बड़े संगठन फेडरेशन ऑफ ओब्सटेट्रिक एंड गायनाकोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया (फॉगसी) ने भी इसमें पूरा सहयोग करने का भरोसा दिया है.स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने शुक्रवार को इस अभियान के लिए विशेष वेबसाइट और मोबाइल एप भी जारी किया.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निजी चिकित्सकों से अभियान में शामिल होने की अपील की थी. बड़ी संख्या में चिकित्सकों ने सहयोग करने की इच्छा जताई.इस अभियान की वेबसाइट के जरिए निजी चिकित्सक खुद को रजिस्टर कर सकेंगे.उसके बाद उन्हें संबंधित सरकारी अस्पताल के साथ रजिस्टर कर दिया जाएगा.स्वास्थ्य सचिव सीके मिश्र के अनुसार अभी सरकार सिर्फ सरकारी अस्पतालों में ही निजी डॉक्टरों की सेवा लेने पर काम कर रही है.स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार अगले चरण में निजी डॉक्टरों को अपने संस्थानों में भी हर महीने की नौ तारीख को ऐसी सेवा देने की अपील की जा सकती है.
अभियान से लाभ-
प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर गर्भवती महिलाओं की दूसरी और तीसरी तिमाही पर विशेष प्रसव पूर्व जांच की जाएगी.इन सेवाओं में अल्ट्रासाउंड, ब्लड और यूरीन की जांच शामिल है.इसके अलावा नियमित प्रसव पूर्व जांच भी की जाएगी.कार्यक्रम का प्राथमिक उद्देश्य बेहद जोखिम वाले गर्भावस्था की पहचान करना उपचार की कार्रवाई शुरू करना और मातृत्व मृत्यु दर (एमएमआर) और शिशु मृत्यु दर (आईएमआर) को घटाना है.
अभियान का लक्ष्य-
अभियान का लक्ष्य देशभर में तकरीबन तीन करोड़ महिलाओं को मुफ्त प्रसव पूर्व देखभाल प्रदान करना है.प्रसव पूर्व देखभाल पर अधिक ध्यान देने के लिए प्राथमिकता वाले 184 जिलों की पहचान की गई है.
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