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Thursday 27 October 2016

G–20 क्या है: कार्य और सम्मलेन

G-20 का मतलब GROUP-20 से है। यह दुनिया के 19 शक्तिशाली देशों और यूरोपियन यूनियन (यूरोप के देशों का समूह) का समूह है। इसकी स्थापना 1999 में हई थी। यह समूह दुनिया की 85 प्रतिशत अर्थव्यवस्था और 75 वैश्विक व्यापार को नियंत्रित करता है। अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन, फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, चीन, भारत, रूस जैसे देश हर साल G-20 समिट में मिलते हैं और दुनिया के आर्थिक हालात पर चर्चा करते हैं।
G-20 के कार्य
बीस  देशों का समूह (G–20) अपने सदस्यों के अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग और निर्णय करने के लिए प्रमुख मंच है। इसमें 19 देश और यूरोपीय संघ शामिल है।  G–20 के नेता वर्ष में एक बार बैठक करते हैं; इसके अलावा, वर्ष के दौरान, देशों के वित्त मंत्री और केंद्रीय बैंक के गवर्नर वैश्विक अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने, अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों में सुधार लाने, वित्तीय नियमन में सुधार लाने और प्रत्येक सदस्य देश में जरुरी प्रमुख आर्थिक सुधारों पर चर्चा करने के लिए नियमित रूप से बैठक करते रहते हैं। इन बैठकों के अलावा वरिष्ठ अधिकारियों और विशेष मुद्दों पर नीतिगत समन्वय पर काम करने वाले कार्य समूहों के बीच वर्ष भर चलने वाली बैठकें भी होती हैं। 
जी -20 के उद्देश्य इस प्रकार हैं:
  1. वैश्विक आर्थिक स्थिरता और सतत विकास हासिल करने के लिए अपने सदस्यों के बीच नीति समन्वय;
  2. वित्तीय नियमों को बढ़ावा देना जिससे जोखिम कम हों और भविष्य के वित्तीय संकट समाप्तं हों, और
  3. एक नई अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संरचना बनाना।
G–20 की शुरुआत 1999 में एशिया में आए वित्तीय संकट के बाद वित्त मंत्रियों और सेंट्रल बैंक के गवर्नरों की बैठक के तौर पर हुई थी। वर्ष 2008 में G–20 के नेताओं का पहला शिखर सम्मेलन आयोजित किया गया था और समूह ने वैश्विक वित्तीय संकट का जवाब देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इसके निर्णायक और समन्वित कार्रवाई ने उपभोक्ता और व्यापार में भरोसा रखनेवालों को शक्ति दी और आर्थिक सुधार के पहले चरण का समर्थन किया। वर्ष 2008 के बाद से G–20 के नेता दस बार बैठक कर चुके हैं।
G–20 शिखर सम्मेलन में रोजगार के सृजन और मुक्त व्यापार पर अधिक जोर देने के साथ वैश्विक आर्थिव विकास को समर्थन देने के उपायों पर फोकस करता है। प्रत्येक G–20 अध्यक्ष हर वर्ष कई अतिथि देशों को आमंत्रित करता है।
G–20– वित्तीय स्थिरता बोर्ड, अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष, आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन, संयुक्त राष्ट्र, विश्व बैंक और विश्व व्यापार संगठन के साथ मिलकर काम करता है।
G-20 का आर्थिक महत्व-
G–20 के सदस्य देश वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का करीब 85%, वैश्विक व्यापार के 75% और विश्व की आबादी के दो–तिहाई से अधिक का प्रतिनिधित्व करते हैं।
G–20 के सदस्य 
अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, रिपब्लिक ऑफ कोरिया, मैक्सिको, रूस, सउदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, यूनाइटेड किंग्डम, संयुक्त राज्य अमेरिका, यूरोपीय संघ।
प्रबंधन व्यवस्था
G–20 की अध्यक्षता एक प्रणाली के तहत हर वर्ष बदलती है जो समय के साथ क्षेत्रीय संतुलन को सुनिश्चित करता है। अनौपचारिक राजनीतिक मंच की अपनी प्रकृति को दर्शाते हुए G–20 का कोई स्थायी सचिवालय नहीं है। इसके बजाए, अन्य सदस्यों के साथ G–20 एजेंडा पर परामर्श और वैश्विक अर्थव्यवस्था में हुए विकास पर प्रतिक्रिया देने के लिए उन्हें एक साथ लाने की जिम्मेदारी G–20 के अध्यक्ष की होती है।
निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए, अध्यक्षता को वर्तमान, तत्काल अतीत और भविष्य के मेजबान देशों से बनी "तिकड़ी" का समर्थन मिलता है। वर्ष 2015 में G– 20 की अध्यक्षता तुर्की ने की थी। तुर्की के मेजबानी वर्ष के दौरान, G– 20 तिड़की के सदस्य थे– तुर्की, ऑस्ट्रेलिया और चीन।
G-20 सम्मेलनों का विवरण इस प्रकार है-
संख्या
समिट का स्थान
वर्ष
लीडर
1
संयुक्त राज्य अमेरिका , वाशिंगटन, डी.सी
14–15 November 2008
जॉर्ज बुश
2
यूनाइटेड किंगडम, लंदन
2 April 2009
गॉर्डन ब्राउन
3
कनाडा, टोरंटो
26–27 June 2010
स्टीफन हार्पर
4
दक्षिण कोरिया, सियोल
11–12 November 2010
ली म्युंग बाक
5
फ़्रांस, केन्स
3–4 November 2011
निकोलस सरकोजी
6
मेक्सिको, के सैन जोस डेल काबो
18–19 June 2012

फेलिप काल्देरों
7
रूस ,स्त्रेलना (Strelna)
5–6 September 2013
व्लादिमीर पुतिन
8
ऑस्ट्रेलिया, ब्रिस्बेन
15–16 November 2014
टोनी एबट
9
तुर्की अंताल्या
15–16 November 2015
रिसेप तईप एरडोगन
10
चीन, हांगझोऊ
4–5 September 2016
जी जिनपिंग

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