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Tuesday, 6 December 2016

भारुलता ने यूके से इंडिया तक कार चलाकर बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का सन्देश दिया

गुजरात के जनपद नवसारी निवासी 43 वर्षीय भारुलता ने यूके से भारत तक कार चलाकर कारनामा किया है. उन्होंने कार से यह यात्रा 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' का सन्देश देने के उद्देश्य से की. 43 वर्षीय भारुलता एक एनआरआई हैं.
भारुलता के अनुसार उनका मिशन बालिकाओं के लिए काम करने का है. उनका इरादा दुनिया में यह सन्देश प्रस्दारित करना था कि ऐसा कोई काम नहीं है जो महिलाएं नहीं कर सकती.

भारुलता दुनिया की पहली महिला बनी-
  • यह कारनामा करने वाली भारुलता दुनिया की पहली महिला हैं.
  • उन्होंने केवल 57 दिनों में 32 देशों का दौरा किया है.
  • वह 32 देशों की यात्रा कर 8 नवंबर को मणिपुर की मोरेह पोस्ट पर पहुंची.
  • यात्रा में उन्होंने 32000 किलोमीटर का सफर तय किया.
  • कांबले इस दौरान 9 पर्वत श्रृंखलाओं, तीन बड़े रेगिस्तान और दो महाद्वीपों से होकर गुजरीं.
  • इस सफर में 5000 किलोमीटर की पहाड़ी यात्रा भी शामिल है, जिसमें उन्होंने 3700-4000 मीटर की ऊंचाई पर अपनी कार चलाई.
  • भारुलता कांबले की इस यात्रा को गिनीज बुक आफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल किया जाएगा
'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' का दिया संदेश-
  • भारुलता ने इस यात्रा में 32 देशों का दौरा किया. यूनाइटेड किंगडम से भारत तक की यात्रा में उन्होंने 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' का संदेश दिया.
  • उन्होंने अपने गृहनगर नवसारी में मॉडर्न अस्पताल स्थापित करने हेतु फंड भी एकत्रित किया.

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